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बाबा जयगुरूदेव की आवाज कर्मों की गहन गति है। इसे योगी पुरूष ही समझते हैं। आपको ये नहीं बताया गया ...



बाबा जयगुरूदेव की आवाज


 कर्मों की गहन गति है। इसे योगी पुरूष ही समझते हैं। आपको ये नहीं बताया
गया कि मतदान देने का मतलब क्या है? मतदान यानि बुद्धि का दान। आप किसी को भी अपरा
मतदान देते हैं इसका मतलब ये है कि आप उसके हर अच्छे-बुरे कर्म में समर्थन देते हैं
आपने मतदान देकर लोगों को दिल्ली, लखनऊ पटना, जयपुर, भोपाल आदि स्थानों पर भेजा। अब
वो तो जो भी अच्छा बुरा करेंगे तो आप को दुख भोगना पड़ेगा। इस रहस्य को आपने समझा
नहीं। अब आप चिल्लाओ कोई सुनने वाला नहीं है। आपको चाहिए कि अच्छे चरित्रवान, सत्य
और अहिंसावादी, निःस्वार्थ काम करने वालों को ले आते तो सुख मिलता। सुख मिलने वाला
नहीं है आपको। महापुरूषों ने कहा है किः


कर्म प्रधान विष्व रचि राखा
जो जस
करहिं सो तस फल चाखा।


 अपने  लिए कर्म के अलावा मनुष्य को दूसरों के कर्मों को भी भोगना पड़ता है
ऐसा ईष्वरीय विधान है। फिर कहा है किः-


यह रहस्य रघुनाथ कर, वेगि न जाने
कोय।
से जाने जो गुरू कृपा, सपनेहुं मोह न
होय।




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