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Showing posts from June, 2011

शाकाहार प्रचार के लिए पर्चे का प्रारूप

परम पूज्य स्वामीजी महाराज द्वारा हस्ताक्षर की गयी गुरु पूर्णिमा 2011 की आधिकारिक सूचना

 परम पूज्य स्वामीजी महाराज द्वारा हस्ताक्षर की गयी गुरु पूर्णिमा 2011 की आधिकारिक सूचना

jaigurudev news-31.5.11

जयगुरूदेव समाचार मथुरा 31 मई 2011.        पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक ए.क्यू. खान ने कहा है कि उनके देश में पिछले दस साल से बिना किसी रूकावट के परमाणु कार्यक्रम चल रहा है और यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया भी जारी है। जरूरत पड़ने पर कभी भी परमाणु हथियार बनाये जा सकते हैं।        बाबा जी मथुरा आश्रम पर हैं। स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण बाबा जी अभी बाहर निकलने की मौज में नहीं हैं। प्रेमियों को निर्देश दिया है कि भजन- ध्यान , सुमिरन रोज-रोज करें। यह काम जरूरी है।        दर्शन के लिए आए एक प्रेमी की बातों को सुनकर अपने संक्षेप संदेश में कहा कि इस मनुष्य शरीर की दोनों आंखों के पीछे देवता रहते हैं। वह देश सदा प्रकाशवान है, वहां अंधेरा कभी होता ही नहीं। देवताओं का शरीर मनुष्य जैसा ही होता है मगर पंच भौतिक नहीं होता जैसाकि यहां मनुष्यों का होता है। वह लिंग शरीर है जो 17 तत्वों का होता है। साधक जो साधना करते हैं वे शरीर को छोड़कर ऊपर के दैविक लोकों में जाते हैं, देवताओं से मिलते हैं, बातें करते हैं फिर वापस शरीर में लौट आते हैं। इसी क्रिया को जीते जी मरना कहते हैं। रामायण में क

jaigurudev news-29.5.11

जयगुरूदेव समाचार मथुरा 29 मई 2011.        जयगुरूदेव आश्रम मथुरा में आजकल अत्यधिक सुन्दर भवन निर्माण कार्य चल रहा है। कौन से मेहमान इसमें ठहरेंगे इसका अनुमान किसी को नहीं है।        कुछ वर्ष पहले बाबा जी मन्दिर मैदान में मंच से पश्चिम की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि बड़े-बड़े मुल्कों के राष्ट्राध्यक्ष हेलीकॉप्टर से उधर आयेंगे और समय लेकर मुझसे बात करेंगे।        बाबा जी ने कहा कि विचार करो कि मनुष्य का खून अनाज, सब्जी, फलों, दूध, घी से तैयार होता है। भैंस, गाय, सूअर, खरगोश, हिरण, मुर्गा, बतख आदि जानवरों का खून मनुष्य के खून से अलग होता है। जो भी मनुष्य मांस भक्षण करते हैं, इनका मांस खाते हैं तो उनके खून में जानवरों का खून मिल जाएगा। जब ज्यादा मात्रा में पशु-पक्षियों का खून हो जाएगा तो जो भी दवायें दी जाती हैं मनुष्य को असर नहीं करेंगी। दवा तो मनुष्य के खून की दी जाती है। जानवरों के खून की अलग दवा है, वह पशु-पक्षियों को ही दी जाती है। जानवरों की दवा यदि मनुष्यों को दे दी जाए तो मनुष्य का खून खत्म हो जाएगा, जानवरों का खून रह जाएगा। पशु-पक्षियों और कीड़ों के खून के कीटाणु य