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Showing posts from September, 2014

सत्संग वचन

                                         सुगम पंथ मोहिं पावें प्राणी। आपको रास्ता जब मिल गया है तो भजन करो। जो प्रारब्ध उसने तुम्हारा बना दिया गया है वह तुमको रोज मिलेगा। इसलिए दुनियां में ज्यादा फंसो मत। काम आप सब करो। खेती का, दुकानदारी का और दफ्तर का। आपको कोई मना नहीं करता पर ईमानदारी से ओर मेहनत से काम करो। हम आपको रास्ता बताते हैं सीधा तो आपको दरवाजे पर बैठना ही पड़ेगा तभी दया होगी।  शाकाहारी रहो ताकि तुम पर हिन्सा का आरोप न लग जाऐ कहीं उसने तुम्हारे खाते में लिख दिया  और उसके कैमरे में छप गया तो बच नहीं सकते हो। आप सोचो। आपका लोक-परलोक दोनों चला गया तो आप कहाँ जाओगे? नर्कों और चैरासी में। अधिकारी किसी को पकड़कर ले जाता है तो अब वह चाहे जहाँ रखे तुम क्या कर सकते हो।  हमारे पास बड़े बड़े करोड़पति, अरबपति आते हैं और रोते हैं आकर कि बच्चों ने हमारा सब कुछ ले लिया, घर से बाहर कर दिया और हमें बिड़ी तक का पैसा नहीं देते। जब उनके बच्चों को समझाओं तो जाकर अपने माँ-बाप पर नाराज होते हैं कि तुमने जाकर शिकायत की। और करो। हम कुछ नहीं देंगे। तुम चले जाओ घर से। तो जो कुछ