जयगुरूदेव समाचार मथुरा 20 जुलाई 2011. पावन गुरूपूर्णिमा सत्संग कार्यक्रम सम्पन्न हो चुका है किन्तु इससे जुड़ी यादें व बातों की चर्चा जारी है। इस वर्ष के कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश की संगत ने अपना कैम्प जोर-शोर से चलाया। दक्षिण भारतीय संगतों में इसकी चर्चा होती रही। विशेष बात यह रही कि संगत ने सीमित साधनों से ही भण्डारा चलाकर गुरू की दया-मौज को लूटा। चारों ओर इसकी प्रशंसा होती रही। बाबा जयगुरूदेव जी महाराज के आदेश से पुरूष व स्त्रियां शाकाहारी बनने के संदेशों के छपे जैकेट पहनकर देश के कई प्रान्तों में व्यापक प्रचार कर रहे हैं। कुछ स्थानों में, गांवों में गीत गाकर जनता को सुना रहे हैं जिसे सुनकर लोग विचार करने पर बाध्य हो गए हैं। कविता की लाइनें इस प्रकार हैः- अब मिल गया 'प्रचार' का ''आधार'' भाइयों। सबसे ''सुखद'' आहार, ''शाकाहार'' भाइयों। सतयुग व त्रेता-द्वापर में, सबकी खुराक थी। संग्राम-महाभारत में, इसकी ही ''धाक'' भाइयों। तामस ''खुराक'' वालों ने खाई ''मार'...